न्यूट्रीशन के बारे में सामान्य ज्ञान






न्यूट्रीशन क्या है?

न्यूट्रीशन या पोषण का अभिप्राय उन पोषक तत्वों से है जिनका, प्रयोग शरीर अपने वृद्धि - विकास तथा विभिन्न क्रियाकलापो हेतु करता है तथा यह शारीरिक परिवर्तन हेतु आवश्यक होते है।

यदि पोषण संतुलित ना हो तब, मनुष्य के शरीर में इसके दुष्प्रभाव देखे जाते है, जिसे कुपोषण कहा जाता है।
कुपोषण का अर्थ पोषण में किसी प्रकार के कुसमायोजन से है, अर्थात यह अतिपोषण अथवा निम्नपोषण कोई भी अवस्था हो सकती हैं और ये दोनों ही अवस्थाएं अनुचित है।


अतिपोषण के दुष्प्रभाव-

1) मोटापा
2) विषाक्त (कैल्सियम,आयरन की अधिकता)
आदि परेशानियों को जन्म देती हैं। Mm


निम्नपोषण के दुष्प्रभाव-

1) कम भारिता
2) आवश्यक पोषक तत्वों जैसे - आयरन, कैल्शियम की कमी आदि परेशानियों को जन्म देती हैं।

पोषण की ये अवस्थाएं, कई कारणों से हो सकती है, जैसे -
1. दोषपूर्ण पाचन एवं अवशोषण 
2. बीमारी
3. हार्मोनल परिवर्तन अथवा संतुलन का बिगड़ना
4. अल्कोहल अथवा दवाओं का सेवन
5. उम्र अथवा उम्र की विभिन्न अवस्थाओं में परिवर्तन के अनुसार भोजन में आवश्यक परिवर्तन अथवा पोषक तत्वों के संतुलन का अभाव।

उम्र की विभिन्न अवस्थाएं अर्थात् -
1.शैशवावस्था
2. बाल्यावस्था
3. किशोरावस्था
4. गर्भावस्था
5.धात्री अवस्था
6. प्रौढ़ावस्था तथा
7. वृद्धावस्था।

उपरोक्त सभी अवस्थाओं में पोषक्तात्वो की आवश्यकता बढ़ती - घटती रहती है। इसी के अनुरूप कैलोरी, कार्बोहाइड्रट्स, प्रोटीन, फैट, विटामिन्स तथा मिनरल्स कि आवश्यकता में परिवर्तन होते है। जिनका, समायोजन आवश्यक होता हैं एवं तभी, व्यक्ति सुपोषित रह सकता हैं।


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