कैलोरीज़ के बारे में सामान्य ज्ञान




नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग में हम कैलोरीज़ या एनर्जी या भोजन से प्राप्त होने वाली ऊर्जा के बारे में चर्चा करेंगे...


कैलोरी क्या हैं?

कैलोरी ऊर्जा की एक यूनिट है, कैलोरी का मतलब उस एनर्जी से है जो, हमें विभिन्न भोज्य पदार्थों से या खाये जाने वाले पदार्थो सें मिलती हैं।
खाने को तो हम कुछ भी खा सकते हैं जैसे – चावल - दाल, रोटी - सब्जी, पिज़्ज़ा, या जो भी हमें मन करे वह।
लेकिन इन सभी से मिलने वाली कैलोरी तथा पोषक तत्वों की मात्रा तथा प्रकार अलग - अलग होते हैं।

उपरोक्त भोज्य पदार्थों के 100 ग्राम (बिना पका हुआ) से लगभग मिलने वाली कैलोरी निम्नलखित हैं -
चावल - 130 कैलोरी,
दाल - 125 कैलोरी,
रोटी- 104 कैलोरी,
सब्ज़ी (पकी हुई)- 170 कैलोरी,
पिज़्ज़ा(पका हुआ) - 266 कैलोरी।

अपने भोजन का चयन सावधानी पूर्वक करें।


यह कैलोरी भोज्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा फैट के रूप में संचित रहती हैं। भोज्य पदार्थों के पाचन - अवशोषण द्वारा शरीर इनमें उपस्थित पदार्थों का प्रयोग हमारे वृद्धि तथा विकास तथा अन्य कार्यों हेतु करता है।


कार्बोहाइड्रेट्स- 

1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से 4 कैलोरी मिलती हैं। कार्बोहाइड्रट्स कई प्रकार के होते है। लेकिन, किसी भी प्रकार के कार्बोहाइड्रेट को शरीर द्वारा अन्त में ग्लूकोज़ में ही परिवर्तित किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन की बचत कर शरीर की अत्यावश्यक क्रियाओं में योगदान देता हैं।


प्रोटीन-

1 ग्राम प्रोटीन से भी कार्बोहाइड्रेट के समान 4 कैलोरी ही प्राप्त होती हैं। लेकिन, प्रोटीन का प्राथमिक कार्य ऊर्जा प्रदान करना ना होकर वृद्धि - विकास तथा निर्माणकार्य होते है। लेकिन, जब शरीर में कार्बोहाइड्रेड कि कमी हों जाए तभी यह ऊर्जा प्रदान करते है अन्यथा, अपने प्राथमिक कार्य करतें है।


फैट-

फैट अथवा वसा ऊर्जा के संघनित साधन हैं, 1 ग्राम वसा से 9 कैलोरी मिलती हैं। अतः सर्वाधिक ऊर्जा वसा द्वारा ही प्रदान की जाती हैं।

किसी भी प्रकार के कैलोरी देने वाले पदार्थ का पाचन द्वारा सर्वप्रथम ग्लूकोज़ में परिवर्तन किया जाता है। क्योंकि, शरीर अपनी विभिन्न क्रियाओं के लिए ग्लूकोज़ का ही प्रयोग ईंधन के रूप में करता है। अतः अपनी आवश्यकता अनुसार जितने ग्लूकोज़ का प्रयोग शरीर को करना होता है, वह उतना प्रयोग कर लेता है तथा शेष बचा ग्लूकोज़ ग्लाइकोजन के रूप में लीवर में संचित रहता हैं।

अतः यह स्पष्ट है कि, कैलोरी हमरे लिए अत्यंत आवश्यक है, तथा इसे प्राप्त करने के साधन भी अलग - अलग है। अब इसका निर्णय हमरे भोजन के चयन द्वारा होता है कि, हम किस प्रकार की कैलोरी ग्रहण कर रहे हैं, तथा उसका प्रयोग हमारे शरीर द्वारा किस प्रकार किया जायेगा।

कैलोरी, हमारे शरीर के लिए ईंधन के समान हैं अर्थात् हमें जितना कार्य करना है उतने ईंधन का प्रयोग हमारे शरीर द्वारा कर लिया जाएगा। ठीक वैसे ही जैसे हमें किसी गाड़ी से किसी स्थान तक जाने के लिए जितने पेट्रोल अथवा डीज़ल की आवश्यकता होती है, उतना ईंधन जलता है तथा शेष फ्यूल टैंक में बचा रह जाता है। ठीक उसी प्रकार, कैलोरी भी शरीर में संचित रह जाती है। इसलिए, व्यक्ति को उसके शारीरिक श्रम तथा क्रियाशीलता के अनुसार ही भोजन करना चाहिए। कम अथवा अधिक कैलोरी ग्रहण करने से, शरीर कुपोषित हो जाता है, जिसके परिणाम घातक हो सकतें है।

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