गर्मी तथा कोरोना काल में कैसा भोजन करें?


कोरोना काल में गर्मी के मौसम में हमारा आहार कैसा हो?

गर्मी में हमें कम फैट तथा मसाले एवं तरल पदार्थों से भरपूर भोजन का चयन करना चाहिए, ताकि शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित रखा जा सके।

फैट -

फैट के पाचन के लिए जल की अधिक आवश्यकता होती है तथा इनके पाचन में समय भी अधिक लगता है। गर्मी में तरल पदार्थों की आवश्यकता सामान्य रूप से बढ़ी हुई होने के कारण जब, अधिक फैट वाला भोजन किया जाता है तब, डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो जाती है इसलिए, विज़िबल फैट कम मात्रा में लें। क्योंकि, अदृश्य वसा तो दूध तथा दूध से बने पदर्थो जैसे - लस्सी, छांछ, आइसक्रीम तथा अन्य माध्यमों से गर्मी में अधिक मात्रा में लिए ही जाते हैं इसलिए, विशेष रूप से कम कैलोरी वाले पदार्थों का ही चयन करें।


कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन

पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें अन्यथा ऊर्जा की कमी से आप का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।


रेशे तथा तरल - 

पर्याप्त मात्रा में रेशे का सेवन करें, इनकी पूर्ति के लिए फल तथा सलाद का सेवन करें। गर्मी के दिनों में मिलने वाले फलों, जैसे - तरबूज, खरबूज, आम आदि में पर्याप्त मात्रा में जल उपस्थित होता है जो शरीर की डिहाइड्रेशन से रक्षा करते है। इसके अतिरिक्त जल की पूर्ति विभिन्न स्वास्थ्वर्ध्दक पेय द्वारा जैसे - छांछ, आम - पना, नींबू पानी से करें, गलती से भी कार्बोनेटेड पेय से इन्हे रिप्लेस ना करें, क्योंकि ऐसे पेय हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभ ना पहुँचाकर इसके उलट हानि पहुँचाते हैं।


गर्मी के मौसम में मसालों का चयन सावधानी पूर्वक करें -

एक ओर जहां कोविड - 19 के चलते हमें काढ़ा तथा गर्म चीजें लेने की सलाह दी जा रही हैं, वहीं मसाले आदि के औषधीय गुण भी हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन, हमेशा से हम सुनते व पढ़ते आर हैं कि, मसालों की तासीर गर्म होने के कारण इनका प्रयोग गर्मी में कम करना चाहिए..., 

तो फिर क्या किया जाए कि फायदे तो मिलें लेकिन, नुकसान कम से कम हों..., 

तो फिर चलिए जानते हैं इसके उपाय -


वनस्पति जगत में ऐसे बहुत से मसाले तथा पौधे हैं, जिनकी तासीर ठंडी हैं अथवा गर्म होने पर भी सीमित मात्रा में तथा उचित रीति से इनका प्रयोग किया जा सकता है, ये हमेंशा से हमारे घर की रसोई का हिस्सा भी रहें हैं। 

ठंडी तासीर वाले पदार्थ जैसे - 

  • धनिया
  • पुदीना पत्ती
  • मेंथी की भाजी
  • हरी इलायची
  • सौंफ के पत्ते तथा फल
  • हल्दी।
इनके प्रयोग सुरक्षित हैं तथा भारतीय आहार में तो प्रतिदिन इनका उपयोग किया ही जाता है। इसके गुण रोग - प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार  होतें हैं, जिससे स्वस्थय लाभ प्राप्त होता है। इसलिए, पर्याप्त मात्रा में इनका प्रयोग किया जा सकता है।


साथ ही कुछ पदार्थों को सावधानीपूर्वक तथा कुछ बातों का ध्यान रखते हुए प्रयोग करें तो इनसे स्वास्थ्य लाभ लिए जा सकता हैं - 

मेथीदाने - मेथीदाने की तासीर गर्म होती है, इसलिए इन्हे रातभर भींगा दें। ध्यान रहे, बहुत अधिक पानी में ना भींगाएँ तथा अगली सुबह इसका सेवन करें। भोजन बनाने तथा काढ़े में भी इनका इसी प्रकार भींगा कर प्रयोग करें।

मेथी के दानों को अंकुरित कर के भी खाया जा सकता है। अतः गर्मी में भी प्रतिदिन इनका प्रयोग किया जा सकता है। 


दालचीनी - दालचीनी से बहुत से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इनमें विशेषतौर पर एंटी - ऑक्सीडेंट तथा एंटी - इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो रोगों तथा संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

इनका प्रयोग दिन में पानी में या दूध में अथवा भोजन में भी सीमित रूप से किया जा सकता हैं।


ताज़े अदरक, प्याज तथा लहसुन - इनका प्रयोग दिन के भोजन में तथा कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि, इनसे युक्त भोजन खाने में भारी होते हैं तथा शरीर में गर्मी को बढ़ाते हैं, इसलिए इनका प्रयोग इस प्रकार करे कि नुकसान न पहुँचे :-

लहसुन की एक कली सुबह पानी के साथ लें, प्याज का प्रयोग सलाद के रूप में करें तथा ताजी अदरक का भी सीमित मात्रा में दिन में सेवन किया का सकता हैं।

इनमे विशेषतौर पर, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार हैं जो, रोगों तथा संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं। 


नोट :-

काढ़ा उपरोक्त पदार्थो की सहायता से बनाएं तथा बना कर ठंडा होने दें, फिर शाम तक एक - दो बार सीमित मात्रा में पी लें, इससे पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी।

सीमित मात्रा में कोई भी चीज नुकसान नहीं पहुँचाती, वहीं अति हर चीज की बुरी होती है। इसलिए, किसी भी पदार्थ का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से बचें।

आप जिस स्थान पर रहते हैं, उस स्थान के आसपास उगने वाले तथा आसानी से मिलने वाले खाद्य पदार्थों का चयन करें क्योंकि, येही हमारे लिए उत्तम होते हैं क्योंकि, ये हमारे वातावरण के अनुरूप ही उगते हैं।

दही घर में जमा कर ताजी ही लें। फल, सलाद तथा दूध - दही शाम से पहले ही खा लें, जिनकी तासीर ठंडी होती हैं अथवा पचने में समय लगता है, ऐसे भोजन शाम से पहले लें।

हमेंशा गर्म खाएं मतलब ताजा खाना खाएं, फ्रिज में रखे हुए पके अथवा बासी भोजन के सेवन से बचें। हो सके तो, फ्रिज का पानी भी ना पिएँ।

नमक मिले गुनगुने पानी से गरारा करें अथवा माउथ वॉश करें। गरारा करना ज्यादा फायदेमंद होगा क्योंकि, तुलनात्मक रूप से हम रसायनों के अधिक प्रयोग से स्वयं को बचा पाऐंगे।

विटामिन C युक्त फल तथा सब्जियों का कच्चे अथवा सलाद के रूप में सेवन लाभ दायक होगा।

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